Class 10 Hindi Solution Chapter 4 भोलाराम का जीव SEBA BOARD Academic Years 2024-2025

भोलाराम का जीव

अभ्यासमाला

1. सी विकप का चयन करे

(क) भोलाराम के जीव ने कितने दिन पहले देह त्यागी थी ?

(अ) तीन दिन पहले।

(आ) चर दिन पहले।

(इ) पाँच दिन पहले।

(ई) सात दिन पहले।

उत्तर : (इ) पाँच दिन पहले।

(ख) नारद भोलम का घर पहचान गए।

(अ) माँ-बेटी के सम्मिलित क्रदंन सुनकर।

(आ) उसका टूटा-फूटा मकान देखकर।

(इ) घर के बगल मे नाले को देखकर ।

(ई) लोगो से घर का पता पुछकर।

उत्तर : (अ) माँ-बेटी के सन्मिलित क्रदंन सुनकर ।

(ग) धर्मराज के अनुसार नर्क में ईमारते बनाकर रहनेवालों में कौन शामिल है ?

(अ) ठेकेदार।

(आ) इंजीनियर |

(इ) ओवरसीयर ।

(ई) उपयुक्त सभी।

उत्तर : (ई) उपयुक्त सभी।

(घ) बड़े साहब ने नारद को भोलाराम को दरख्वास्त पर वजन रखने की सलाह दी। यहाँ ‘वजन’ का अर्थ क्या है ?

(अ) पेपरवेट।

(आ) वीणा ।

(इ) रिशवत ।

(ई) मिठाई का डब्बा |

उत्तर : (इ) रिशवत ।

2. पूर्ण वाक्य में उत्तर दो :

(क) भोलाराम का घर किस शहर में था ?

उत्तर : भोलाराम का घर जबलपुर शहर मे था।

(ख) भोलाराम को सेवानिवृत्त हुए कितने वर्ष हुए थे ?

उत्तर : भोलम को सेवानिवृत्त हुए पाँच वर्ष हुए थे।

(ग) भोलाराम की पत्नी ने भोलाराम को किस बीमारी का शिकार बताया ?

उत्तर : भोलाराम की पत्नी ने भोलाराम को गरीबी की बीमारी का शिकार बताया था।

(घ) भोलाराम ने मकान मालिक को कितने साल किराया नहीं दिया था ?

उत्तर : भोलाराम ने मकान मालिक को एक साल किराया नहीं दिया था

(ङ) बड़े साहब ने नारद से भोलाराम की पेंशन मंजूर करने के बदले क्या माँगा ?

उत्तर : बड़े साहब ने नारद से भोलाराम की पेंशन मंजूर करने के लिए बदले में वीणा माँगा था।

3. संक्षेप में उत्तर दो :

(क) ‘पर ऐसा कभी नहीं हुआ था।’- मिलता है? — यहा किस घटना का संकेत

उत्तर : धर्मराज लाखो वर्षो से असंख्य आदमियो को कर्म और सिफारिश के आधार पर स्वर्ग या नर्क में निवास स्थान अलॉट करते आ रहे थे परन्तु ऐसा कभी नहीं हुआ कि भोलाराम के जीवन ने पाँच दिन पहले देह त्यागी और यमदूत के साथ इस लोक के लिए रवाना होकर भी अब तक आ नही पहुँचे ।

(ख) यमदूत ने भोलाराम के जीव के लापता होने के बारे में क्या बताया ?

उत्तर : यमदूत ने भोलाराम के जीव के लापता होने के बारे मे कुछ इस तरह बताया ‘दयानिधान! मैं कैसे बतलाऊँ कि क्या हो गया। आज तक मैने धोखा नहीं खाया था, पर इस बार भोलाराम का जीव मुझे चकमा दे गया। पाँच दिन पहले जब जीव ने भोलाराम की देह त्यागी, तब मैने उसे पकड़ा और इस लोक की यात्रा आरम्भ की। नगर के बाहर ज्यों ही मैं उसे लेकर एक तीव्र वायु-तरंग पर सवार हुआ त्यो ही वह मेरे चंगुल से छूटकर न जाने कहाँ गायब हो गया। इन पाँच दिनो मे मैंने सारा ब्रह्माण्ड छान डाला, पर उसका कहीं पता नहीं चला ।’

(ग) धर्मराज ने नर्क में किन-किन लोगो के आने की पुष्टि की ? उन लोगों ने क्या क्या अनियमिततायें की थी ?

उत्तर : धर्मराज ने नर्क में बड़े गुणी कारीगर, ठेकेदार, बड़े-बड़े इंजीनियर और ओवरसियर के आने की पुष्टि की थी। गुणी कारीगर ने पूरे पैसे हड़प कर रद्दी इमारते बनायी। बड़े-बड़े इंजीनियर जिन्होंने ठेकेदारों से मिलकर भारत की पंचवर्षीय योजनाओं का पैसा खाया। ओवरसियर, जिन्होने मजदुरो कि हाजिरी भरकर पैसा हड़पा, ये कभी काम पर गया ही नहीं।

(घ) भोलाराम की पारिवारिक स्थिति पर प्रकाश डालो।

उत्तर : भोलाराम जबलपुर शहर के घमापुर मुहल्ले में नाले के किनारे एक डेढ़ कमरे के टूटे-फूटे मकान में वह परिवार समेत रहता था। उसकी एक स्त्री, दो लड़के और एक लड़की। उम्र लगभग पैंसठ साल सरकारी नौकर था ; पाँच साल पहले रिटायर हो गया था। मकान का किराया उसने एक साल से नहीं दिया था, इसलिए मकान मालिक उसे निकालना चाहता था

(ङ) ‘भोलाराम ने दरख्यास्ते तो भेजी थी, पर उन पर वजन नहीं रखा था, इसलिए कहीं उड़ गई होंगी। दफ्तर के बाबू के ऐसा कहने का क्या आशय था ?

उत्तर : वर्तमान समय समाज व्यवस्था में फैले भ्रष्टाचार के वशीभूत हो दफ्तर के बाबू ने ऐसा कहा। यह कहने का मूल आशय ये था कि आजकल रिश्वत के बिना काम नहीं होता और भोलाराम ने दरख्वास्ते के साथ रिश्वत न भेजने के कारण उनके पेंशन की मंजूरी नहीं मिली थी।

(च) चपरासी नारद को क्या सलाह दी ?

उत्तर : चपरासी ने नारद को कहा- महाराज, आप क्यों इस झंझट में पड़

गए। आप अगर साल भर भी यहाँ चक्कर लगाते रहे, तो भी काम नहीं – होगा। आप तो सीधे बड़े साहब से मिलिए, उन्हें खुश कर लिया तो अभी काम हो जायेगा।

(छ) बड़े साहब ने नारद को भोलाराम के पेंशन केस के बारे में क्या बताया ?

उत्तर: बड़े साहब ने नारद को भोलाराम के पेंशन केस के बारे में कुछ इस तरह बताया, “आप हैं वैरागी, दफ्तरी के रीति-रिवाज नही जानते । असल में भोलाराम ने गलती की। भाई, यह भी एक मंदिर है। यहाँ भी दान-पुण्य करना पड़ता है; भेंट चढ़ानी पड़ती है। आप भोलाराम के आत्मीय मालुम होते है। भोलाराम की दरख्वास्ते उड़ रही है, इन पर वजन रखिए।

(ज) ‘भोलाराम का जीव’ नामक व्यंग्यात्मक कहानी समाज में फैले भ्रष्टाचार एवं रिश्वतखोरी का पर्दाफाश करता है। कहानी के आधार पर पुष्टि करो

उत्तर : ‘भोलाराम का जीव नामक कहानी में हरिशंकर परसाई ने पौराणिक के परिपेक्ष्य में आधुनिक समाज व्यवस्था में फैले भ्रष्टाचार को मार्मिकता के साथ पेश किया है। आजकल के समाज मे रिशवत के बिना कोई काम नहीं होता, भ्रष्टाचार लग भग हर सरकारी विभाग में व्याप्त है। पाँच वर्षो तक पेंशन लिए कार्यालय का चक्कर लगाने वाले भोलाराम के परिवार का आर्थिक दयनीयता पाठको को सोचने पर विवश कर देती है। यह कहानी सिर्फ अकेले भोलाराम की ही नहीं है; बल्कि भारत में रहनेवाले सभी आम जनता इस फैले हुए रोग के शिकार है ।

4. आशय स्पष्ट करो :

(क) दरख्वास्ते’ पेपरवेट से नहीं दबती’ ।

उत्तर : आधुनिक समाज व्यवस्था में फैले भ्रष्टाचार के वशिभूत होकर सरकारी अफसर ने ऐसा कहा । यह कहते का मूल आशय यही था कि रिश्वत के बिना कोई काम हासिल नहीं होता है और भोलाराम ने पेंशन मंजूरी करने के लिए दरख्वास्ते तो बहुत लिखि परन्तु उसके साथ रिशवत (वजन) नहीं दिया।

(ख) यह भी एक मंदिर है । यहाँ भी दान-पुण्य करना पड़ता है।

उत्तर : जैसे मंदिर में हम फुल-फल, पुजा आदि करके भगवान को प्रसन्न

करते है, ठिक इस प्रकार सरकारी अफसर के कहने का आशय यहीं बनता है कि काम हासिल करने के लिए रिश्वत देना पड़ता है।

1. नीचे दिए गए समासो के भेद लिखकर उन्हे वाक्यों में प्रयोग करो:

(i) खाना-पीना : खाना और पीना — समाहार द्वंद्व ।

उत्तर : सेहत ठिक रखने के लिए अच्छे से खाना पीना जरुरी है।

(ii) माँ-बाप : मा और बाप — इतरेतर द्वंद्व ।

उत्तर : सन्तान की अपने माँ बाप कि सेवा करनी चाहिये ।

(iii) घर-द्वार : घर और द्वार—समाहार द्वंद्व ।

उत्तर : इन्सान का घर द्वार देखके उस पर विश्वास करना चाहिये।-

(iv) रूपया-पैसा : रूपया और पैसा — इतरेतर द्वंद्व ।

उत्तर : आज के युग में काम हासिल करने के लिए रुपया-पैसा देना पड़ता है।

(V) भात-डाल : भात और डाल-समाहार द्वंद्व ।

उत्तर : इन्सान को जीने के लिए भात-डाल कि ही आवश्यकता है।

(vi) सीता-राम : सीता और राम — शतरेतर द्वंद्व ।

उत्तर : दुलहा-दुलहन को सीता-राम कि जोड़ी लग रही है।

(vii) नाक-कान : नाक और कान — समाहार द्वंद्व ।

उत्तर : समाज मे रहने के लिये नाक-कान खुला रखना चाहिये । (viii) थोरा – बहुत: थोड़ा अथवा बहुत — वैकल्पिक द्वंद्व

उत्तर : भुकम्प के वजह से थोड़ा बहुत नुकसान हुआ है।

(xi) ठंडा-गरम : ठंडा या गरम — वैकल्पिक द्वंद्व ।

उत्तर : बच्चा ठंडा-गरम में खेलने के लिए बाहर नहीं जाता है।

(x) उत्थान-पतन : उत्थान या पतन – वैकल्पिक द्वंद्व ।

उत्तर : हर इन्सान के जीवन में उत्थान-पतन होता है।

(xi) आकाश-पाताल : आकाश या पाताल — वैकल्पिक द्वंद्व ।

उत्तर : राम और हरि में आकाश-पाताल का अंतर है।

प्रश्न 2. निम्नलिखित शब्दों के भाववाचक संज्ञा बनाओ :

(i) गरीब – गरीबी |

(ii) असमर्थ – असमर्थक।

(iii) खराब — खराबी ।

(iv) त्यागी — त्याग।

(V) तलाश – तलाशी |

(vi) बहुत – बहुतो ।

(vii) गृहस्थ—गृहस्थी।

(viii) कारीगर – कारीगरी।

(ix) अभ्यस्थ—अभ्यास।

(x) मूर्ख — मूर्खामी ।

(xi) परेशान — परेशानी।

(xii) नेता — नेतृत्व |

(xiii) चिल्लाना — चिल्लाहट।

(xiv) वास्तविक — वास्तविकता।

(xv) बीमार — बीमारी |

(xvi) उँचा—उँच्चता ।

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